After joining the ‘Dhai Akhar Prem’ Jatha in Rajasthan, what Praveen Parimal, a local artist, felt was priceless. He is sad that the Jatha is going to end soon. He wants to see this Jatha continuing endlessly.
राजस्थान में ‘ढाई आखर प्रेम’ जत्था में शामिल होने के बाद स्थानीय कलाकार – प्रवीण परिमल ने जो महसूस किया वह अनमोल है. उन्हें जत्था के ख़त्म होने का दुःख है. वे इस यात्रा को अनवरत चलते हुए देखना चाहते हैं.