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यात्रा ने जालौन जनपद के गांवों में बहाई प्रेम और सद्भाव की लहर

|| उत्तर प्रदेश पड़ाव का चौथा दिन ||

|| झलकियां ||

  • लोकगीत और नुक्कड़ नाटक प्रेम और सद्भाव का संदेश फैलाते हुए 
  • घर-घर में यात्रा के जत्थे के स्वागत को आतुर दिखे ग्रामीण
  • जत्था हर इलाके के ऐतिहासिक महत्व को उजागर करते हुए 
  • गली, कूचे ,चौराहों तथा रास्तों में बढ़ चढ़कर लोगों की मिल रही सराहना

|| 21/11/2023 ||

वीरों और वीरांगनाओं की धरती बुंदेलखंड के जनपद जालौन में इप्टा द्वारा निकाली जा रही राष्ट्रीय सांस्कृतिक यात्रा के चौथे दिन, आज, मंगलवार को यात्रा ग्राम मिनौरा स्थित घनाराम महाविद्यालय से प्रारंभ होकर अपने अगले पड़ाव ग्राम हरदोई गुर्जर की ओर चल पड़ी। हरदोई गुर्जर पहुँचने पर जात्थे में शामिल सभी पदयात्रियों का कामरेड विजय सिंह ने अपने साथियों के साथ बड़ी गर्म जोशी से स्वागत किया। उनके परिवार में विवाह समारोह चल रहा था पर भी जत्थे का स्वागत करने के लिए खुद को रोक न सके। न सिर्फ उन्होंने आदर सत्कार किया बल्कि अपने परिवारी जनों के साथ पर्याप्त समय देकर एहसास कराया कि उनके लिए यह यात्रा कितनी महत्वपूर्ण है।

सर्वप्रथम जत्था मुख्य मार्ग स्थित डॉ.भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा स्थल पर पहुंचा, जहां प्रदेश यात्रा समंवयक एवं राज्य महासचिव, शहज़ाद रिज़वी ने श्रद्धा सुमन अर्पित किया।

जत्थे का अगला पड़ाव इंटर कॉलेज, हरदोई गुर्जर था। यहां लखनऊ इप्टा ने इच्छा शंकर के निर्देशन में नुक्कड़ नाटक ‘गिरगिट’ एवं छत्तीसगढ़ इप्टा से यात्रा में शामिल साथी निसार अली के निर्देशन में “ढाई आखर प्रेम” नुक्कड़ नाटकों का मंचन हुआ और जनगीत गाये गए। कालेज के प्रधानाध्यापक वीर सिंह चौहान, बालमुकुंद समाधिया, दीपक अग्निहोत्री, विजय रावत, अखिलेश मिश्रा, राम रतन, विकास, अरुण कुमार सेंगर, राजेश मिश्रा, अनिल पांडे, विष्णु कांत दीक्षित, महेंद्र पाल, विनोद चंद्र मिश्रा, श्याम बहादुर, राजीव नारायण मिश्रा सहित बड़ी संख्या में छात्र छात्रायें उपस्थित थे।

तत्पश्चात, जत्था गांव में भ्रमण के लिए निकला जहां गांव की गलियों, चौराहों के अलावा कन्या प्राथमिक विद्यालय में नुक्कड़ नाटक एवं लोकगीतों की प्रस्तुतियां हुई। इस अवसर पर प्रधान अध्यापक रविंद्र शाक्यवार, रोहिणी द्विवेदी, कीर्ति मिश्रा, प्रीति गुप्ता ने इस यात्रा को सामाजिक सौहार्द की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।

इसके बाद जत्था उस स्थान पर पहुंचा जहां महान विरांगना रानी लक्ष्मीबाई ने काल्पी से ग्वालियर जाते वक़्त एक रात गुज़ारी थी। खार खाए हुए अंग्रेजों ने रानी लक्ष्मी बाई को शरण देने वाले 19 लोगों को पेड़ से फांसी पर लटका दिया और उस गढ़ी को ध्वस्त कर दिया, जहाँ रानी लक्ष्मी बाई ने विश्राम किया था। इस ऐतिहासिक स्थल पर पहुंचने से पूर्व ग्रामीणों के साथ संवाद करते हुए कलाकारों ने नुक्कड़ नाटक और जन गीत प्रस्तुत किये। जत्था ने ग्राम वासियों को जनपद के इतिहास की जानकारी के साथ-साथ प्रेम और सौहार्द के रंगों से सराबोर कर दिया। इस दौरान जगह-जगह कलाकारों का स्थानीय लोगों ने खुले दिल से स्वागत सत्कार कर अपनत्व का एहसास कराया।

दोपहर उपरांत ग्रामवासी विजय सिंह राठौड़ और उनके परिजनों श्रीमती गीता राठौर, रिंकी राठौर, पूनम राठौर, खुशी राठौर, नैंसी राठौर ने यात्रा के साथियों को अपने ही आवास पर दोपहर का भोजन कराया। ग्राम हरदोई गुर्जर के ग्राम प्रधान रविंद्र कुमार अहिरवार ने राष्ट्रीय सांस्कृतिक यात्रा को सामाजिक बदलाव का सूचक और प्रेरक बतलाया।

झलकारी बाई जयंती की पूर्व संध्या पर उरई में स्थापित उनके प्रतिमा स्थल पर जनगीत, नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत कर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किये गए। ऐतिहासिक साक्ष्यों के अनुसार झांसी से 10 कि०मी० दूर स्थित भोजला ग्राम के एक किसान एवं दलित परिवार में जन्मी झलकारी बाई ने बचपन में एक दिन खेत में घास काटते समय खुंखार शेर का हंसिये से मुकाबला किया था और उसे ठौर मार दिया था। बालिका झलकारी की वीर गाथा जब रानी लक्ष्मी बाई ने सुनी तो उसे अपने महल में बुला कर सम्मानित किया और अपनी अंगरक्षक माहिला सेना में शामिल कर लिया। कहा जाता है कि झलकारी बाई की शक्ल सूरत रानी लक्ष्मी बाई से बहुत मिलती जुलती थी।

1857 के स्वतन्त्रता संग्राम में युवा झलकारी ने रानी के साथ कंधे से कंधा मिला कर अंग्रेजी फौज से लोहा लिया था और खुद को रानी के रूप में पेश करते हुए अंग्रेजी सेना को चकमा देकर रानी लक्ष्मी बाई को सुरक्षित निकाल लिया था। इस प्रकार रानी की रक्षा करते हुए उन्होंने अपने प्राणों का बलिदान दिया था।

यात्रा में प्रदेश समन्वयक एवं राज्य महासचिव शहज़ाद रिज़वी स्थानीय यात्रा संयोजक देवेंद्र शुक्ला, उरई इप्टा के सचिव दीपेंद्र सिंह, राष्ट्रीय समिति सदस्य-राज पप्पन, प्रांतीय उपाध्यक्ष डॉ सुभाष चन्द्रा, डॉ धर्मेंद्र कुमार, संजीव गुप्ता, संतोष, अमजद आलम छत्तीसगढ़ की नाचा गम्मत के कलाकार निसार अली, आलोक बेरिया, देवनारायण साहू, इप्टा लखनऊ के अध्यक्ष राजेश श्रीवास्तव , इच्छा शंकर, विपिन मिश्रा, वैभव शुक्ला, तन्मय, हर्षित शुक्ला, हनी खान, अंकित यादव, प्रदीप तिवारी एवं राहुल पांडे आदि सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।

रिपोर्ट: शहज़ाद रिज़वी

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