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मुल्क में अम्न-ओ-अमान की फिज़ा क़ायम हो

उप प्रादेशिक सांस्कृतिक यात्रा | मेरठ, उत्तर प्रदेश

चारों ओर तनी है
भ्रम की धुंधली चादर
झुठला दी गई है
सच की रोशनी
सूरज थका जरूर है
मगर हारा नहीं है
देखना एक दिन छंट ही जाएगा
निराशा का अंधेरा
खिलेंगी उम्मीदों की धूप
तुम उदास न होना

चित्रा पंवार

देश के तमाम जन संगठनों के सहयोग से इप्टा के नेतृत्व में जम्मू कश्मीर से लेकर कन्या कुमारी, गुजरात से पश्चिम बंगाल तक देशव्यापी ‘ढाई आखर प्रेम राष्ट्रीय सांस्कृतिक यात्रा’ 28 सितंबर 2023 भगत सिंह के जन्म दिवस पर अलवर*(राजस्थान) से आरंभ होकर विभिन्न प्रांतो से होती हुई 30 जनवरी 2024 को महात्मा गांधी के शहादत दिवस पर इस चरण के अंतिम पड़ाव दिल्ली में संपन्न होगी I यात्रा के उद्देश्य को जन जन तक पहुँचाने और इस सांस्कृतिक महाभियान को वृहद फलक देने के निमित्त उत्तर प्रदेश में एक दिवसीये उप प्रादेशिक सांस्कृतिक यात्राओं का दौर जारी है। इसी श्रृंखला में कपकपाती ठंड और बूंदा बादी के बीच 05 जनवरी 2024 (शुक्रवार) को यात्रा का स्थल बना पश्चिमी उत्तर प्रदेश का 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम का केंद्र बिंदु, खेल और वाद्य यंत्रो का सबसे बड़ा उत्पादक, सदियों पुरानी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विविधताओं से भरा विरासत का शहर मेरठ।

यात्रा की शुरुआत में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में स्थित *अमर शहीद भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु* की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई। प्रतिमा स्थल परिसर पर यात्रा की संयोजिका एवं इप्टा की क्षेत्रीय सचिव श्रीमती अवनी वर्मा ने वहां पर उपस्थित सभी लोगों का स्वागत एवं अभिनंदन करते हुए कहा की ढाई आखर प्रेम की यह सांस्कृतिक यात्रा देश में आपसी भाईचारा और सौहार्द को मजबूत करने के लिए की जा रही है।

इसी अवसर पर चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में उर्दू विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर असलम जमशेदपुरी ने अपने संबोधन में कहा कि इस यात्रा का मकसद नफरत का ख़ात्मा हो और मुल्क में अम्नों अमान की फिज़ा क़ायम हो। उन्होंने अपनी बात ज़ोर देते हुए कहा कि हमें पूरा यक़ीन है कि यह यात्रा न सिर्फ़ मुल्क में मोहब्बत और भाईचारा फैलाने में एक अहम किरदार निभाएगी बल्कि इंसान को इंसान बनाने में कारगर साबित होगी।

इप्टा मेरठ के साथी मशहूर जन कवि बल्ली सिंह चीमा के गीत ‘लें मशालें चल पड़े हैं लोग मेरे गाँव के, अब अंधेरा जीत लेंगे लोग मेरे गाँव के’ की प्रस्तुति के उपरांत ‘इंसान का इंसान से हो भाईचारा यही पैग़ाम हमारा’ गाते बजाते अपने अगले पड़ाव की ओर चल पड़े।

शहर के व्यस्तम चौराहे तेज गढ़ी पहुंचकर जन गीतों की प्रस्तुति करते हुए यह यात्रा गढ़ रोड स्थित डॉ० अंबेडकर इंटर कॉलेज पहुंची जहां पर जत्थे के पदयात्रियों ने संविधान निर्माता डॉ० भीमराव अंबेडकर के प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की प्रतिमा स्थल पर इप्टा के साथियों ने यात्रा के आवाह्म गीत ‘ढाई आखर प्रेम का हम पढ़ने और पढाने आएं है, हम भारत से नफरत का हर दाग़ मिटाने आएं हैं’ की शानदार प्रस्तुति की जिसे लोगों द्वारा ख़ूब पसंद किया गया। इसी क्रम में बाज़ारो और शहर की घनी आबादी से गुज़रती हुई यात्रा अपने अंतिम पड़ाव *बुद्धा गार्डन* पहुंची जहाँ सभी साथियों ने प्रख्यात नाट्य निर्देशक एवं इप्टा के पूर्व प्रांतीय उपाध्यक्ष स्व० शांती वर्मा के चित्र पर माल्यार्पण और पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की तदोपरांत जनगीत ‘तु ज़िंदा है तो ज़िंदगी की जीत पर यक़ीन कर,अगर कही है स्वर्ग तो उतार ला ज़मीन पर’की प्रस्तुति की गयी।

यात्रा के समापन पर इप्टा मेरठ के सचिव हरीश वर्मा ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया।

सांस्कृतिक यात्रा में इप्टा मेरठ के संरक्षक धम्मदीप सिंह ,अध्यक्ष के०पी०सिंह, स्थानीय यात्रा संयोजिका एवं इप्टा की क्षेत्रीय सचिव अवनि वर्मा, इप्टा मेरठ के सचिव हरीश वर्मा, इप्टा मुज्जफरनगर के सचिव/नाट्य निर्देशक संजीव मलिक ‘मासूम’, सईद सहारनपुरी, इप्टा मेरठ के उपाध्यक्ष हेमंत गोयल, संगठन सचिव मोहम्मद राशिद युसुफ़, सह संगठन सचिव शाहिद गौरी, सांस्कृतिक सचिव रूपाली गुप्ता, जितेन्द्र सी० राज, ,राजेंद्र शर्मा, टीशा वर्मा, रेखा सिंह, राजेन्द्र शर्मा, अमित कौशिक, रणवीर सिंह तोमर, साजिद, शहज़ाद, अमन अब्बासी, दीपक सिंह, संयम वर्मा, बोबिल वर्मा, सादिक एवं सोनू आदि सहित बड़ी संख्या मे लोग मौजूद रहे।

यात्रा की झलकियां –

रिपोर्ट – शहज़ाद रिज़वी, राज्य महासचिव इप्टा – उत्तर प्रदेश
चित्र – हरीश वर्मा

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