(This song was performed during Curtain Raiser Event of Dhai Aakhar Prem Jatha in Delhi on 27th September 2023. | यह गीत 27 सितंबर 2023 को दिल्ली में ‘ढाई आखर प्रेम’ जत्था के ‘पूर्व रंग’ कार्यक्रम के दौरान प्रस्तुत किया गया था।)
Poetry / गीत: Brijesh/बृजेश
Music/संगीत: Kajal Ghosh/काजल घोष
गीत के बोल:
शिक्षा से ज़हन जगे है, होने लगी हलचल
शूद्रों के वेद पाठ से मची है उथल पुथल
हो… दुनिया रही बदल, रे बहना, दुनिया रही बदल
पढ़ते दलित, पढ़ें कमेरे, पढ़ रही है नारी
बाबा साहब के कदमों पे, चलने की तैयारी
शूद्रों की पाठशालाओं से, शासक भय विकल
हो… दुनिया रही बदल, रे बहना
शिक्षा से समाज बदल दो, यही है अपना नारा
जात पात के बंधन से, मिलेगा तब छुटकारा
शूद्रों ने शिक्षा का, चखा है वर्जित फल
हो… दुनिया रही बदल, रे बहना