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समता, सादगी, स्वालम्बन और प्रकृति प्रेम | मेधा पाटकर | Equality, simplicity, self-reliance and love of nature | Medha Patkar 

“समता, सादगी, स्वालम्बन, लाकर रहेगा जन-आंदोलन” के नारे को प्रसिद्ध सामाजिक एवं पर्यावरण कार्यकर्ता – मेधा पाटकर ने ढाई आखर प्रेम जत्था के साथ जोड़ा। महिलाओं और युवाओं की एकजुटता को सलाम करते हुए उन्होंने कहा कि नया ज़माना इन्हीं से आएगा। इंसान और इंसान के बीच और इंसान और प्रकृति के बीच प्रेम कायम करने के यह यात्रा निरंतर आगे बढ़ते रहना चाहिए रहे. मेधा पाटकर महेश्वर (धार जिला) के अहिल्या घाट पर नर्मदा के किनारे 26 दिसंबर 2023 को ढाई आखर प्रेम जत्था में शामिल हुईं. महेश्वर रानी देवी अहिल्या बाई होलकर की राजधानी रहा है. 

Medha Patkar, the famous social and environmental activist, connected the slogan “Equality, simplicity, self-reliance, will bring mass movement” with Dhai Akhar Prem Jatha. Saluting the unity of women and youth, she said that the new era will come from them. This Jatha of establishing love between humans and humans and between humans and nature should continue to move forward. Medha Patkar joined Dhai Akhar Prem Jatha on 26 December 2023 on the banks of Narmada at Ahilya Ghat in Maheshwar (Dhar district). Maheshwar was the capital of Queen Devi Ahilya Bai Holkar.

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