“The thread of love should never be broken, people should be connected by love and friendship. Love should be established between people. Enmity grows with enmity, friendship grows with friendship. A cultural journey called Dhai Akhar Prem is being organized in Maharashtra to break hatred and carry forward the Buddha’s idea of love. All artists, poets, writers, dramatists, actors, directors, everyone should join in this yatra”
– Dr Mangesh Bansod, Senior Playwright and Director
“प्रेमाचा धागा तुटायला नको, प्रेमाने, मैत्रीने माणसं जोडली पाहिजे. माणसा माणसा मध्ये प्रेम निर्माण झाले पाहिजे. वैराने वैर वाढतं, मैत्रीने मैत्री आणि पर वाढतं. द्वेष तोडून बुद्धांचा हा प्रेमाचा विचार पुढे घेऊन जाणारी ढाई आखर प्रेम नावाची सांस्कृतिक यात्रा महाराष्ट्रामध्ये आयोजित होत आहे. या यात्रेमध्ये सर्व कलावंतांनी; कवी, लेखक, नाटककार, नट, दिग्दर्शक, सगळ्यांनीच सामील व्हावे”
– डॉ मंगेश बनसोड, ज्येष्ठ नाटककार आणि दिग्दर्शक
“प्यार का धागा टूटना नहीं चाहिए, लोगों को प्यार और दोस्ती से जोड़ना चाहिए। लोगों के बीच प्यार स्थापित करना चाहिए। दुश्मनी से दुश्मनी बढ़ती है, दोस्ती से दोस्ती बढ़ती है। इस नफरत को ख़त्म करने के लिए और बुद्ध के प्रेम के विचार को आगे बढ़ाने के लिए महाराष्ट्र में ढाई आखर प्रेम नामक सांस्कृतिक यात्रा का आयोजन किया जा रहा है। सभी कलाकारों, कवियों, लेखकों, नाटककारों, अभिनेताओं, निर्देशकों, सभी को इस यात्रा में शामिल होना चाहिए”
– डॉ. मंगेश बंसोड़, वरिष्ठ नाटककार एवं निर्देशक