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उत्तर प्रदेश के जालौन में निकली सांस्कृतिक यात्रा का दूसरा दिन

|| झलकियां ||

  • दिवारी नृत्य कलाकारों के बीच कुछ ग्रामीण भी आए हुनर दिखाने तो उनके उत्साह को देखते हुए जत्थे के लोगों ने बढ़ाया उनका जमकर हौसला। गदगद हुए ग्रामीण कलाकार
  • ग्रामीण अंचलों के रीति रिवाजों और जीवन शैली पर भी यात्रा में हुआ विचार विमर्श
  • गांव में आयोजित कार्यक्रमों को मोबाइल पर रिकॉर्ड करने में बच्चे और महिलाएं भी दिखी आतुर
  • बच्चे और युवा मोबाइल पर यात्रा के सहयोगियों के साथ दिखाई दिए सेल्फी लेते
  • ग्रामीण अंचलों के रास्तों में गूंजते रहे शहीदों के नारे और लोकगीतों के स्वर
  • जगह-जगह खेतों पर काम करने वालों का भी दिखाई दिया यात्रा को लेकर आकर्षण

|| 19 नवम्बर 2023 ||

ग्राम औंता में रात्रि विश्राम के बाद जैसे ही रविवार का सूर्योदय हुआ, सांस्कृतिक यात्रा के दूसरे दिन के भ्रमण के लिए जत्थे में शामिल लोगों ने सबसे पहले अपने विश्राम स्थल की साफ-सफाई की। इसी दौरान पूर्व ग्राम, प्रधान राजपाल सिंह और उनके परिवारी जनों ने यात्रा में शामिल लोगों को नाश्ते में चाय और गरम-गरम पोहा भेंट किया। उनके स्वागत सत्कार में इतना समर्पण और सेवा भाव था कि जत्थे में शामिल सभी लोग गदगद हो गए। सभी पूरे उत्साह और जोश के साथ गांव भ्रमण पर निकले पड़े। गांव के भीतर के टेढ़े-मेढ़े रास्तों से गुजरते हुए जब यात्रा का जत्था चौराहे नुमा स्थान पर पहुंचा तो वहां बच्चों और महिलाओं ने बड़ी संख्या में आकर कोतुहलता के बीच कलाकारों की गतिविधियों को देखा। ग्राम वासी, अनिल सिंह, विजयपाल सिंह, देवेंद्र, अरुण सिंह, अनुज सिंह, पवन, आदि ने जत्थे के साथ-साथ चलकर अपनी सहभागिता दी तो वहीं महिलाओं और बच्चों ने कलाकारों द्वारा प्रस्तुत लोकगीत और गांधी के गीतों को बड़े चाव से सुना।

|| ग्राम गुढ़ा में ‘दमा दम मस्त कलंदर’ और ‘गिरगिट’ नाटकों के मंचन से बदली गांव की फिजा ||

ढाई आखर प्रेम राष्ट्रीय सांस्कृतिक यात्रा के जत्थे में शामिल छत्तीसगढ़ के ‘नाचा गम्मत’ शैली के कलाकार निसार अली, आलोक बेरिया और देवनारायण साहू के द्वारा प्रस्तुत नुक्कड़ नाटिका ‘दमादम मस्त कलंदर’ और लखनऊ इप्टा के कलाकारों द्वारा प्रस्तुत ‘गिरगिट’ नाटक के मंचन ने उसे वक्त गांव की फिजा बदल दी जब बड़ी संख्या में बच्चे महिलाएं और गांव के बुजुर्ग चौराहे पर प्रस्तुतियां देखने के लिए उमड़े। उन्होंने हर एक प्रस्तुति पर जमकर तालियां बजाकर कलाकारों का उत्साह वर्धन किया। जब उनसे पूछा गया कि उन्हें इस यात्रा से क्या महसूस हुआ तो कुछ लोगों ने कहा कि इस यात्रा में शामिल लोगों ने उन्हें जो संदेश दिया है वह बेहद ही प्रभावशाली है। यह यात्रा देश और समाज को भाईचारे और एकता की भावना से जोड़ती है। रंगारंग कार्यक्रमों के आयोजन के उपरांत यात्रा का जत्था अगले गांव की ओर कूच कर गया। सड़क पर शहीदों के नारे एक बार फिर से हर आने जाने वाले लोगों को अपनी और स्वाभाविक ढंग से आकर्षित करने लगे। यात्रा में शामिल लोगों में थकान के बावजूद भी उत्साह बरकरार था।

|| ग्राम चक जगत देवपुर में विशाल वट वृक्ष के नीचे दिखा संकल्प का जोश ||

ग्राम चक जगत देवपुर में पहुंची यात्रा का स्वागत करने के लिए महेंद्र कुमार गौतम, अध्यक्ष रामो बामो क्लब, कालपी ग्राम प्रधान किरतपुर व्यास मंदिर पवन निषाद, नरेंद्र कुमार तिवारी, अध्यक्ष, कागज, उद्योग कालपी द्वारा जत्था में शामिल लोगों को भोजन कराया गया। इस बीच यात्रा में शामिल इप्टा के पदाधिकारी ने ग्रामीणों के साथयात्रा का सन्देश साझा किया। लिटिल इप्टा कलाकारों ने लोक शैली पर आधारित गीत और भजन प्रस्तुत कर वहां लोगों में उत्साह भर दिया। छत्तीसगढ़ के कलाकार यहां भी अपना दबदबा कायम करने में कामयाब रहे। उन्होंने एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियां की। ग्राम चक जगत देवपुर निवासी रामशंकर पाल चक्की वाले ने बताया कि उन्हें पहली बार इस तरह की यात्रा गांव में देखने को मिली जिसमें एकता और भाईचारे की भावना के बीच राष्ट्र प्रेम को दर्शाया गया है। उन्होंने कहा कि इसका असर ग्रामीण पर बड़े ही सहज भाव से पड़ा है।

|| देर शाम जनपद मुख्यालय उरई पहुंची इप्टा की टीम ने शहीद स्मारकों पर चढ़ाये पुष्प ||

ढाई आखर प्रेम राष्ट्रीय सांस्कृतिक यात्रा के दूसरे दिन का पड़ाव जिला मुख्यालय उरई में विभिन्न कार्यक्रमों के बाद कोच रोड में किया गया। इससे पूर्व जत्थे में शामिल यात्रा के सहयोगियों ने नगर के विभिन्न स्थानों पर भ्रमण करते हुए शहीदों के स्मारक स्थलों पर पुष्प अर्पित किए। जिला परिषद समिति स्थित नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के पश्चात पटेल प्रतिमा और फिर अंबेडकर चौराहे स्थित डॉ भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा तत्पश्चात नगर के मध्य स्थित गांधी चबूतरा पर कलाकारों द्वारा दिवारी नृत्य के अलावा विभिन्न लोक शैली पर आधारित गीत प्रस्तुत कर एकता भाईचारा और प्रेम का संदेश दिया गया। इसी क्रम में यात्रा शहीद भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु के स्मारक स्थल पहुंचा जहां ‘मेरा रंग दे बसंती चोला’ गीत की गूंज ने माहौल में जमकर जोश और उत्साह भर दिया। यहां शहीदों के नारे और गीतों की गूंज के बीच जत्थे ने नगर के कोच बस स्टैंड समीप स्थित झलकारी बाई के स्मारक स्थल पर पुष्प अर्पित करने के उपरांत दूसरे दिन की यात्रा को विराम दिया।

सांस्कृतिक यात्रा में इप्टा के राष्ट्रीय अध्यक्ष, प्रसन्ना, राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष, राकेश वेदा, प्रदेश यात्रा समन्वयक एवं राज्य महासचिव, शहज़ाद रिज़वी के अतिरिक्त स्थानीय यात्रा संयोजक, देवेंद्र शुक्ला, राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य – राज पप्पन, ओम प्रकाश नदीम, उत्तराखंड इप्टा से ओम प्रकाश नूर, क्षेत्रिय सचिव (आगरा) डॉ योगेश शर्मा, आगरा इप्टा के सचिव, विजय शर्मा, डॉ धर्मेंद्र कुमार, डॉ सुभाष चंद्र, दीपेन्द्र सिंह, निशा वर्मा, अमजद आलम,संजीव गुप्ता, प्रीती गुप्ता, नेहा, लखनऊ इप्टा के अध्यक्ष, राजेश श्रीवास्तव, क्षेत्रिय सचिव एवं संयोजक लिटिल इप्टा लखनऊ, सुमन श्रीवास्तव, सोनी यादव , बबिता यादव , अंजली सिंह, दामिनी, इप्टा लखनऊ से इच्छा शंकर, विपिन मिश्रा, वैभव शुक्ला, तन्मय, हर्षित शुक्ला, हनी खान, अंकित यादव, प्रदीप तिवारी और इप्टा के सदस्य लोग मौजूद रहे। छत्तीसगढ़ इप्टा से (नाचा गम्मत के साथी) निसार अली , देव नरायण साहु, आलोक बेरिया, सहित स्थानीय लोक कलाकार (दिवारी नृत्य), डा० पुनीत तिवारी, शैलेन्द्र यादव, जीतू यादव, दीपू यादव, अमित यादव, कृष्णा यादव, शिवम यादव, अर्जुन कुशवाहा, संजय यादव, प्रांशु यादव सहित बड़ी संख्या में ग्रामवासियों ने शिरकत की।

रिपोर्ट: शहज़ाद रिज़वी

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