06 अक्टूबर, पटना.
देश के सांस्कृतिक और साहित्यिक संगठनों की राष्ट्रीय सांस्कृतिक पदयात्रा 7 अक्टूबर 2023 से बिहार में होगी। “ढाई आखर प्रेम: राष्ट्रीय सांस्कृतिक जत्था” के अंतर्गत बिहार के नाट्यकर्मी, लेखक, कवि, अभिनेता, गायक और सामजिक कार्यकर्ता पटना, मुजफ्फरपुर और मोतिहारी की पदयात्रा करेंगे। पदयात्रा के अंतर्गत नाटक, गीत, नृत्य और लोकप्रिय संवाद प्रस्तुत किये जायेंगे।
उल्लेखनीय है कि इप्टा ने पिछले साल आजादी के 75वें वर्ष के अवसर पर ‘ढाई आखर प्रेमः सांस्कृतिक यात्रा’ की शुरुआत 9 अप्रैल 2022 को रायपुर छत्तीसगढ़ से की थी। इस यात्रा में इप्टा ने अपने नाटकों, गीतों, नृत्य एवं अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों के जरिये छत्तीसगढ़, झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश के 300 से अधिक गांवों, कस्बों, शहरों में आत्मीय संबंध स्थापित करते हुए प्रेम, समन्वय, सौहार्द और एकजुटता का संदेश दिया गया। यात्रा का समापन 22 मई 2022 को इंदौर में हुआ।
डाल्टनगंज (झारखंड) में हुए इप्टा के राष्ट्रीय अधिवेशन ने फैसला लिया कि भगत सिंह के जन्मदिन 28 सिंतबर 2023 से पूरे देश में ‘ढाई आखर प्रेमः राष्ट्रीय सांस्कृतिक जत्था’ पदयात्रा की जाएगी, जिसका समापन महात्मा गांधी के शहादत दिवस 30 जनवरी 2024 को दिल्ली में होगा।
जत्था का बिहार पड़ाव 7 से 14 अक्टूबर 2023 तक पटना, मुजफ्फरपुर और मोतिहारी (पूर्वी चम्पारण) में निर्धारित है। 7 अक्टूबर को बाँकीपुर जंक्शन (वर्तमान में पटना जंक्शन), जहाँ 1917 महात्मा गाँधी पहली बार बिहार आए और चम्पारण सत्याग्रह का नेतृत्व किया, से पदयात्रा की शुरुआत होगी। गाँधी मैदान के समीप भगत सिंह और महात्मा गाँधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के उपरांत भिखारी ठाकुर रंगभूमि, दक्षिणी गाँधी मैदान में सांस्कृतिक प्रस्तुति की जायेगी।
8 अक्टूबर को महात्मा गांधी के मुजफ्फरपुर पड़ाव और निलहे आन्दोलन की कर्मभूमि चम्पारण के जसौली पट्टी से ढाई आखर प्रेम की पदयात्रा की जायेगी। प्यार, मोहब्बत और इन्सानियत का संवाद करते, गीत गाते, उनकी सुनते, अपनी सुनाते, बतख मियां की बात बताते हुए 8 से 14 अक्टूबर 2023 की शाम को गाँधी स्मारक संग्रहालय (मोतिहारी) समाप्त होगी।
पदयात्रा का शुभारंभ 7 अक्टूबर 2023 को भिखारी ठाकुर रंगभूमि, गांधी मैदान में होगा और 8 अक्टूबर 2023 को जसौलीपट्टी (मोतिहारी) में सांस्कृतिक संध्या होगी। पदयात्रा के शुभारम्भ के अवसर पर गाँधी मैदान में आयोजित कार्यक्रम में नाटक और जनगीत प्रस्तुत होंगे। संस्कृतिकर्मी, साहित्यकार और सामजिक कार्यकर्ता सहित दर्जन भर सांस्कृतिक और साहित्यिक संस्थाओं का जुटान होगा। कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण छआया नाचा लोक नाट्यशैली की प्रस्तुति होगी। सीताराम सिंह के नेतृत्व में जनगीतों की प्रस्तुति होगी।
देखें:
– फ़ीरोज़ अशरफ़ खां
कार्यवाहक महासचिव, इप्टा बिहार
मो० 9934358852