31 अक्टूबर, देहरादून ।
ढाई आखर प्रेम-रास्ट्रीय सांस्कृतिक जत्था प्रेम,एकजुटता और आपसी सदभाव की यात्रा 28 सितम्बर 23 से 30 जनवरी 24 तक देश भर में चल रही है।
“ढाई आखर प्रेम” नामक इस राष्ट्रीय अभियान में प्रेम,शांति और सामाजिक सदभाव चाहने वाले सभी देशवासियों का स्वागत है। यह राष्ट्रव्यापी सांस्कृतिक जत्था (पदयात्रा) 28 सिम्बर 2023 को शहीदेआजम भगतसिंह के जन्म दिवस पर अलवर राजस्थान से शुरू होकर 30 जनवरी 2024 गांधी जी के शहीदी दिवस पर दिल्ली में समाप्त होगा। यह सांस्कृतिक जत्था देश के 22 राज्यों में अलग-अलग तिथियों में आयोजित हो रही है । उत्तराखंड में ये पदयात्रा 31 अक्टूबर से 3 नवम्बर तक रहेगी।
यात्रा के सयोंजक और इप्टा उत्तराखंड इप्टा के प्रदेश अध्य्क्ष डॉ. वी के डोभाल ने बताया कि यह सांस्कृतिक जत्था समाज में आपसी प्रेम शांति और सौहार्द का संदेश बांटने का राष्ट्रव्यापी उत्सव है जो दुनिया में नफरत और अविश्वास की भावना के जवाब में संस्कृतिकर्मियों और जिम्मेदार नागरिकों की एक जरुरी पहल है। यह देश भर में स्वतंत्रता, समता, न्याय और एकजुटता को फिर से पाने की कोशिश के साथ इसे पुनर्स्थापित करने का प्रयास है। धर्मानन्द लखेड़ा ने बताया कि सभी प्रगतिशील सामाजिक सांस्कृतिक संगठनों, कलाकारों, कवियों, लेखकों, संगीतकारों और बुद्धिजीवियो, सांस्कृतिक और पर्यावरण कार्यकर्ताओं के साथ-साथ आम जन को भी इस सामुहिक अभियान में सहभागिता के लिए आमन्त्रित किया है।
हरिओम पाली ने बताया कि 31 अक्टूबर प्रातः 9 बजे शहीद भगतसिंह स्मारक मुनि की रेती टिहरी गढ़वाल से यात्रा आरम्भ होकर शीशम झाड़ी, चन्द्रेश्वर नगर, स्वामी विवेकानन्द स्मारक, त्रिवेणी घाट से मध्याह्न को गांधी स्तम्भ त्रिवेणी घाट पर जनसभा के उपरांत श्यामपपुर पंहुचेगी। 1 नवम्बर को प्रातः यात्रा श्यामपुर से चल कर खदरी, नालंदा विद्यालय में विद्यार्थियों से संवाद करते हुए ग्राम पंचायत खेरीखुर्द पहुंचेगी। सायं को यात्रा का हरिद्वार ग्रामीण क्षेत्र जमालपुर में आगमन होगा। 2 नवम्बर को यात्रा ज्वाला पुर, बहादराबाद, धनोरी होते हुए सायं तक पिरणकलियर शरीफ पहुंचेगी। 3 नवम्बर प्रातः पिरानकलियर से यात्रा आरम्भ होकर ग्रामीण क्षेत्रों से चलते हुए मध्याह्न को बी एम एस कॉलेज में छात्रों और बुद्धिजीवियों से संवाद और सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति देगी। ततपश्चात भगतसिंह चौक पर माल्यार्पण और अपराह्न में सुनहरा बाग जाकर स्वतंत्रता संग्राम के शहीदों को श्रद्धांजलि के साथ यात्रा का समापन होगा।