लिखने से और पेपर में छापने से ज्यादा असर नहीं पड़ता है, पर चलते हुए लोगों से जो संपर्क बनता है उसका बहुत असर पड़ता है. छोटे-छोटे बच्चे ऐसी यात्रा को हमेशा याद रखेंगे और इसके सन्देश को अपने दूसरे संदेशों में जोड़कर आगे फैलाएंगे…
– अंजलि बोस, सामाजिक कार्यकर्ता, जमशेदपुर
Writing and publishing in the paper has little impact, but engaging with people while walking has a deeper impact. Small children will always remember such a Jatha and will spread its message further by adding it to their messages…
– Anjali Bose, Social Activist, Jamshedpur