To celebrate the 75th year of India’s independence, IPTA along with many other cultural organizations undertook a 44-day long yatra through the five states of Chattisgarh, Jharkhand, Bihar, Uttar Pradesh and Madhya Pradesh. The Yatra was called Dhai Aakhar Prem, symbolizing the spirit of love that drove the millions of freedom fighters and martyrs. It went to the birth places of many martyrs, collected soil from those places, and celebrated cultural heritage of India.
Taking forward that message of love and pride in our rich and diverse cultural history, we embark upon another round of the yatra on foot across the country. The yatra is called ‘Dhai Aakhar Prem: National Cultural Jatha’. The Jatha will travel through 22 states, tracing the historical, cultural, and artistic significance through the route, spreading the message of love, dignity of human labour, and unity of the country.
भारत की आज़ादी के 75वें वर्ष का जश्न मनाने के लिए, इप्टा और कई अन्य सांस्कृतिक संगठनों ने 44 दिनों की लंबी यात्रा की। यह यात्रा पांच राज्यों छत्तीसगढ़, झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश से होकर गुजरी. इस यात्रा का नाम ढाई आखर प्रेम रखा गया, जो प्रेम की उस भावना का प्रतीक है जिसने लाखों स्वतंत्रता सेनानियों और शहीदों को प्रेरित किया था. यात्रा अनेक शहीदों की जन्मस्थली से होकर गुजरी, उन स्थानों की माटी एक पात्र में एकत्र करती हुई, वहां के सांस्कृतिक विरासत का जश्न मानती हुई।
अपने समृद्ध और विविध सांस्कृतिक इतिहास में प्रेम और गर्व के उसी संदेश को आगे बढ़ाते हुए, हम देश भर में पैदल यात्रा के एक और दौर पर निकल रहे हैं। इस यात्रा को ‘ढाई आखर प्रेम: राष्ट्रीय सांस्कृतिक जत्था’ नाम दिया गया है। यह जत्था 22 राज्यों से होकर गुजरेगा. जत्था मार्ग के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और कलात्मक महत्व को रेखांकित करेगा और प्रेम, मानव श्रम की गरिमा और देश की एकता का संदेश फैलाएगा।