(गीत) नानक नरसी नज़ीर ज़िन्दा हैं हममें अब भी कबीर ज़िन्दा हैं रोज़ ही तीरगी से लड़ते हैं शान से ज़िन्दगी से लड़ते हैं रोशनी तो उन्हीं से मिलती है फ़ैज़ ग़ालिब कि मीर ज़िन्दा हैं आइनों से निबाह लेते हैं सच की सूरत सराह लेते हैं बात होती अमीर खुसरो से जायसी से फ़कीर […]
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