हिन्दी | English पंजाब में ढाई आखर प्रेम राष्ट्रीय सांस्कृतिक जत्था का तीसरा दिन सौ में सत्तर आदमी फ़िलहाल जब नाशाद हैंदिल पे रखकर हाथ कहिए देश क्या आज़ाद है कोठियों से मुल्क के मेआर को मत आँकिएअसली हिंदुस्तान तो फुटपाथ पर आबाद है अदम गोंडवी की इस ग़ज़ल की प्रस्तुति दे रहे थे छत्तीसगढ़ […]
