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गीत रचने, गाने और सुनने की मशक्कत

• दिनेश चौधरी • कलाओं से मेहनत के ताल्लुकात बड़े पुराने हैं। शरीर से मशक्कत करते हुए अनायास जो मुद्राएँ बन जाती हैं, या जो आवाजें फूटती हैं; वही नृत्य और गीत बन जाते हैं। नाव खेते हुए जब नाविक धार के उलट अपने बाजुओं पर जोर लगाता है तो “हइया हो हइया” का गीत […]

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Love wrapped in GAMCHA

(A Summary of the Essence of Dinesh Chaudhary’s Original Piece in Hindi) Love is both a universal and singular experience. To love and be loved is the essence of life. Love is a force to be reckoned with – tethering the earth to its axis. Love does not accept defeat – not even under the […]

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ढाई आखर प्रेम के रंग

दिनेश चौधरी ‘इप्टा’ के जत्थे अगले कुछ दिनों में देशव्यापी पदयात्रा पर निकल रहे हैं। मकसद लोगों से संवाद करना है। बातचीत होगी तो कुछ ‘स्मृति-चिह्न’ भी तो देना होगा। यह ‘गमछे’ के रूप में होगा। यह सिर्फ एक कपड़े का टुकड़ा नहीं होगा। यह हमारी आजादी की लड़ाई के दौरान उस मोर्चे की याद […]

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गमछे में लिपटा ढाई आखर प्रेम

दिनेश चौधरी प्रेम के ढाई आखर बेहद सरल हैं। इसे सीखने-पढ़ने के लिए किसी स्कूल जाने की जरूरत नहीं होती। इसके सबक लोगों को पल भर में याद हो जाते हैं। ऐसे लोग दुनिया में कम हैं जो प्रेम नहीं समझते। पृथ्वी अपनी धुरी पर इसी वजह से टिकी हुई है। कभी-कभी जरूर नफरती लोग […]