Categories
Poster

प्रेम न बाड़ी ऊपजै

प्रेम न तो किसी खेत में उत्पन्न होता है और न ही वह किसी बाज़ार में बिकता है। यह तो ऐसी चीज है कि राजा हो अथवा प्रजा, जिस किसी को भी वह रुचिकर लगे वह अपना सिर देकर अर्थात अहंकार त्याग कर ही उसे ले जा सकता है। – कबीर Love neither grows in […]

Categories
Poster

Let Us Walk Together

Painting: Mukesh Bijoje आइए हम साथ मिलकर अपने खूबसूरत देश की यात्रा करें। अलग-अलग लोगों से मिलें, उनकी संस्कृतियों और इतिहास को जानें और उनके साथ गर्मजोशी और प्यार साझा करें। आइए एक साथ चलकर हम अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विविधता का जश्न मनाएं। Come and travel with us to different parts of our beautiful country. […]

Categories
Poetry/Tales

ढाई आखर (कविता)

ढाई आखर प्रेम का ना पढ़ा ना पंडित हुए बस जात धरम में बंट गए कमबख्त मुए बीज कहाँ अँकुआता माटी ना थी निर्गुण ज्ञान कहाँ समाता थाती ना थी राह सुझाते संत खप गए इनको ना सूझा पर वो टप गए अंत समय तक रहे जोड़ते पर जोड़ ना था घर खज़ाना तो भर […]

Categories
Video

The Reservoir of Love Inside Us: Nisar Ali

Watch Video: https://www.youtube.com/watch?v=kXGSffxgK3s छत्तीसगढ़ी लोक नाचा/गम्मत के शैली में आपके लिए विशेष बुलावा, आइये जुड़िये हमारे जत्थे से, जो शुरू हो रहा है 27 सितम्बर 2023 से! In the Chattisgarhi folk style of Nacha/Gammat, here is a special invite for you to join us at the Jatha, that begins from 27th September 2023! Dhai Akhar […]

Categories
Video

What is Dhai Aakhar Prem: Prasanna

What is the concept behind this? Why are we doing this? and many such questions answered. इस जत्था की अवधारणा क्या है? हम ये क्यों कर रहें हैं? और ऐसे बहुत से सवालों के जवाब. Thanks for Watching! For more information: https://linktr.ee/dhaiaakharprem  

Categories
Poster

जे तूँ यार न कीता राज़ी : बुल्ले शाह

दिन में पाँच बार प्रार्थना की तो लोगों ने तुम्हें धर्मनिष्ठ कहा। जब युद्ध करके घर वापस लौटकर आए तो लोगों ने तुम्हें वीर कहा। जब तुम न्याय की कुर्सी पर चढ़कर बैठे तो लोगों ने तुम्हें न्यायाधीश कहा। लेकिन ये सब उपाधियाँ व्यर्थ हैं। अगर तुम अपने प्रिय को नहीं मना सके तो तुमने […]

Categories
Poster

उड़ जाएगा हंस अकेला

Poster: Rohit Rusia  

Categories
Feature/Article

मानको महाली – निश्छल मुस्कुराहट में दमकता श्रम (श्रम को जीते लोग-1)

• अर्पिता • प्रेम में बहुत ताकत होती है लेकिन इसके यह मायने नहीं कि हम शेर से प्रेम कर बैठे पर क्या शेर से नफ़रत करना अनिवार्य है? उसी तरह से सोचिए कि क्या किसी विचार को समाज में,दुनिया में फैलाने के लिए किसी से नफ़रत करना अनिवार्य है? ज़रा ठहर कर इस बात […]

Categories
Video

अपने इको चैम्बर्स से परे पहुंचने की आवश्यकता: समर्थ महाजन

Lived experiences are complex and if we take out our coloured lenses, it becomes easier to spread love.   जीवन के अनुभव जटिल होते हैं और अगर हम अपने विचारधारा के चश्मे उतार लें तो प्यार इतना मुश्किल नहीं है।    – Samarth Mahajan Watch Video: https://youtu.be/ra6vAlsqNI0  

Categories
Poster

काबा फिर कासी भया

काबा फिर कासी भया, राम भया रहीम। मोट चून मैदा भया, बैठ कबीरा जीम॥ – कबीर  सांप्रदायिक सद्भावना के कारण कबीर के लिए काबा काशी में परिणत हो गया। भेद का मोटा चून या मोठ का चून अभेद का मैदा बन गया, कबीर उसी को जीम रहा है। चित्र: डी सुरेन्द्र राव  संयोजन: रजनीश साहिल