"आपल्या भारत देशामध्ये बरेच संत होऊन गेले. रैदास, कबीर, खुसरो, ज्ञानेश्वर, तुकाराम, बहिणाबाई, सोयराबाई या सगळ्या संतांनी, महामानवांनी प्रेमाचा संदेश जनतेला दिला. हाच धागा धरून आपण ढाई आखर प्रेम नावाची सांस्कृतिक यात्रा आयोजित करत आहोत. त्याचा महाराष्ट्राचा पडाव १९ ते
डाली छेड़ूँ न पत्ता न कोई जीव सताऊं पात पात में प्रभू बसत वहि को शीस नवाऊँ तोड़े से जो न चटके ऐसो सूत कताऊँ ये गमछो है प्रेम को गमछों सब काहु को उड़ाऊं प्रेम राग है सहज सुरीलो
प्रेम न तो किसी खेत में उत्पन्न होता है और न ही वह किसी बाज़ार में बिकता है। यह तो ऐसी चीज है कि राजा हो अथवा प्रजा, जिस किसी को भी वह रुचिकर लगे वह अपना सिर देकर अर्थात
Painting: Mukesh Bijoje आइए हम साथ मिलकर अपने खूबसूरत देश की यात्रा करें। अलग-अलग लोगों से मिलें, उनकी संस्कृतियों और इतिहास को जानें और उनके साथ गर्मजोशी और प्यार साझा करें। आइए एक साथ चलकर हम अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विविधता
ढाई आखर प्रेम का ना पढ़ा ना पंडित हुए बस जात धरम में बंट गए कमबख्त मुए बीज कहाँ अँकुआता माटी ना थी निर्गुण ज्ञान कहाँ समाता थाती ना थी राह सुझाते संत खप गए इनको ना सूझा पर वो
Watch Video: https://www.youtube.com/watch?v=kXGSffxgK3s छत्तीसगढ़ी लोक नाचा/गम्मत के शैली में आपके लिए विशेष बुलावा, आइये जुड़िये हमारे जत्थे से, जो शुरू हो रहा है 27 सितम्बर 2023 से! In the Chattisgarhi folk style of Nacha/Gammat, here is a special invite for
What is the concept behind this? Why are we doing this? and many such questions answered. इस जत्था की अवधारणा क्या है? हम ये क्यों कर रहें हैं? और ऐसे बहुत से सवालों के जवाब. Thanks for Watching! For
दिन में पाँच बार प्रार्थना की तो लोगों ने तुम्हें धर्मनिष्ठ कहा। जब युद्ध करके घर वापस लौटकर आए तो लोगों ने तुम्हें वीर कहा। जब तुम न्याय की कुर्सी पर चढ़कर बैठे तो लोगों ने तुम्हें न्यायाधीश कहा। लेकिन
• अर्पिता • प्रेम में बहुत ताकत होती है लेकिन इसके यह मायने नहीं कि हम शेर से प्रेम कर बैठे पर क्या शेर से नफ़रत करना अनिवार्य है? उसी तरह से सोचिए कि क्या किसी विचार को समाज में,दुनिया
Lived experiences are complex and if we take out our coloured lenses, it becomes easier to spread love. जीवन के अनुभव जटिल होते हैं और अगर हम अपने विचारधारा के चश्मे उतार लें तो प्यार इतना मुश्किल नहीं है।
काबा फिर कासी भया, राम भया रहीम। मोट चून मैदा भया, बैठ कबीरा जीम॥ - कबीर सांप्रदायिक सद्भावना के कारण कबीर के लिए काबा काशी में परिणत हो गया। भेद का मोटा चून या मोठ का चून अभेद का मैदा
• Dhai Aakhar Prem Jatha in Kerala from 2nd Oct 2023 stands postponed for safety measures due to serious outbreak of Nipah virus in the state. Next dates will be announced Soon. • केरल में 2 अक्टूबर 2023 से होने
Despite all the things that have gone wrong, the people of this country have learnt to live with each other लोगों ने तमाम सियासी दावपेंचों के बावजूद, एक दुसरे के साथ मिलकर रहना, हँसना सीख लिया है - Rajeev Shukla
Poster: Pankaj Nigam आइये साथ मिलकर अपने खूबसूरत देश की यात्रा करें। अलग-अलग लोगों से मिलें, उनकी संस्कृतियों और इतिहास को जानें और उनके साथ गर्मजोशी और प्यार साझा करें। आइए एक साथ चलकर हम अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विविधता का
(गीत) बदलेगी जीवन की धारा बदलेगा संसार ये सारा बदलेगा यह देश हमारा यह मत पूछो कब बदलेगा धीरे-धीरे सब बदलेगा ढोंग, दिखावा, रीति-रिवाज जात पात में बंटा समाज जिसकी लाठी उसका राज हम बदलेंगे तब बदलेगा धीरे-धीरे सब बदलेगा
https://www.youtube.com/watch?v=ANo8D4vMt2k प्यार आदमी का आदमी से होने दो प्यार होने दो, प्यार होने दो आज मुक्ति का सुभग विहान है मनुष्य कल्पना से भी महान है अतीत दीन हीन वर्त्तमान से परे दुलार आदमी से आदमी का होने दो युवराज
"Don't consider love as something that comes and goes in a moment. That which never diminishes and always resides within you is called love." - Kabir Poster: Pankaj Dixit
https://www.youtube.com/watch?v=S8m9Y8ryNvo Through love, we can save our country - Swanand Kirkire Come and travel with us to different parts of our beautiful country. Meet different people, know their cultures and histories, and share the warmth and love with them. Let
|| Celebrating Folk - Drum & Dance || Painting by Rohit Rusia We are going to celebrate the love of different folk art forms during this Dhai Aakhar Prem - National Cultural Jatha. Join us to celebrate the rich tradition